संकल्प दूत सेवा समिति-इन्दौर... राष्ट्र, संस्कृति, जन और प्रकृति की सेवा के उद्देश्य से बनाया गया, स...
संकल्प दूत सेवा समिति-इन्दौर... राष्ट्र, संस्कृति, जन और प्रकृति की सेवा के उद्देश्य से बनाया गया, सभी धर्म-सम्प्रदाय का आदार करने वाला और अहिंसा पर विश्वास करने वाला सामाजिक एवं धार्मिक संगठन है । श्री सालासर बालाजी महाराज की प्रेरणा से एवं उनकी प्रीति के लिए जन-जन को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम और श्रीरामचरितमानस से जोड़कर जीवन के हर संघर्ष को सरलतम बनाने एवं राष्ट्र, संस्कृति, जन और प्रकृति की सेवा के लिए प्रेरित करने हेतु हम संकल्पित है । जय श्री राम... जय श्री बालाजी की... " कलयुग तरण उपाय न कोईराम भजन राम रामायण दोई"●कलयुग में तरने के दो ही उपाय हैंएक श्री राम का भजन और दूसरा रामायण.. ■■श्री राम नाम का महत्व ■■भगवान शंकरजी रामायण के प्रधान आचार्य है, रामचरित्र का वर्णन १०० करोड़ श्लोकों में भगवान शंकरजी ने ही किया है । एक बार शंकरजी के दरबार में देवता, दैत्य और ऋषि एक साथ आऐं । तीनों ने कहा हे महादेव ! हमको भी रामायण पाठ करना है सो आप हमें रामायण जी दो । रामायण के श्लोक हैं १०० करोड़ और लेने वाले हैं तीन। देवता, दैत्य एवं ऋषि । अत: शंकरजी ने श्लोकों का समान बँटवारा किया जिससे हर एक के हिस्से में ३३ करोड़ ३३ लाख ३३ हजार ३३३ श्लोक आए । कुल ९९ करोड़ ९९ लाख ९९ हजार ९९९ श्लोक बाँटे । उन १०० करोड़ श्लोकों में से १ श्लोक बच गया, यह जो एक श्लोक बच गया था - तीनो बोले हमें-हमें दो। एक श्लोक के लिये तीनों झगडऩे लगे । शंकरजी को आश्चर्य हुआ कि एक श्लोक के लिये भी तीनों झगड़ रहें है । तब शंकरजी ने कहा तुम लोग दुराग्रह मत करो । इस श्लोक के अक्षर मैं आप तीनों में समान रुप से बाँट देता हूँ । यह श्लोक अनुष्ठुप् छंद में था जिसमें ३२ अक्षर होते है, शंकरजी ने बाँटवारा कर १०-१० अक्षर तीनों में बांट दिये । कुल ३० अक्षर बँट गए फिर भी २ अक्षर बाकी बच गए । इन २ अक्षरों के लिये फिर तीनों झगडऩे लगे । लेकिन शंकरजी ने कहा ये २ अक्षर मैं अब किसी को भी नहीं दूँगा, इन्हें मैं अपने कंठ में ही रंखूगा । यही दो बचे अक्षर रा.....म है । इसी राम शब्द के कंठ में होने के कारण ही शंकरजी द्वारा पिया विष भी अमृत में बदल गया ।(साभार..श्रीमद्देवी भागवत् एवं तत्वार्थ रामायण परम् पूज्य श्री डोंगरेजी महाराज..)इसी राम नाम जाप की शक्ति वर्तमान मानव जीवन के दु:ख, रोग, कर्ज एवं असफलता रुपी विष को सु:ख, निरोगी, धनवान एवं सदा सफल रुपी अमृत में बदल सकती है । अत: श्रीराम नाम का जाप प्रतिदिन अवश्य करें । जय श्री राम...निवेदक - सचिन साँखला संकल्प इंदौरसंस्थापक एवं अध्यक्ष :+91-810-980-4000